बिना नोटिस सेवा से किया पृथक 

खंडवा. श्री दादाजी धाम मंदिर ताजा मामला में देखा जाये तो दादाजी धाम में पिछले 12 वर्षो से कार्यरत करण सिंग पिता ज्ञानसिंग डाबर(आदिवासी)जो कि दादाजी धुनीवाला ट्रस्ट में गौशाला की सेवा में कार्यरत था तथा 12 वर्षो से मस्टर पर हस्ताक्षर कर वेतन भी लेता था उसे ट्रस्ट के ही राजू अग्रवाल द्वारा सबके सामने अपमानित करते हुए काम से निष्काष्ति कर दिया। तथा गरीब आदिवासी करण का खाना भी बंद करके रूम खाली करने की धमकी दी जा रही है जिससे करण के सामने एक और जहॉ रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है वही दूसरी परिवार के पालन पोषण की भी परेशानी खडी हो गई है।

12 वर्षो से दादाजी धाम की गौशाला में सेवारत करण सिंग ने बताया कि 2017 में मेरे द्वारा अपने कमरे मैं गणेशजी की स्थापना कर कन्या भोज कराया गया था जो कि ट्रस्टी राजू अग्रवाल को नाग्वार गुजरा तब से ही इनके द्वारा मुझे बार-बार अपमानित कर मुझे दादाजी धाम परिसर से बाहर निकालने की येाजना बनाई जा रही है जबकि मेरी कोई गलती नही है लेकिन इसके बाद भी इनके द्वारा मुझे 25.9.2017 से सेवा से निष्कासित कर दिया गया।

दादाजी की सेवा में पूरा जीवन समर्पित करने वाले करणसिंह ने बताया कि इस संबंध में मेरे द्वारा जिला प्रशासन कलेक्टर एवं जिला पुलिस अधीक्षक को भी अवगत कराया गया है यदि 15 दिन की समयावधि में दादाजी धाम ट्रस्ट द्वारा मुझे सेवा में बहाल नही किया गया तो मेरे द्वारा आगामी 15.11.2017 से कलेक्टर कार्यालय के समीप शांतिपूर्वक आमरण अनशन किया जायेगा। जिसकी जिम्मेदारी दादाजी धाम ट्रस्ट की रहेगी।

जबकि दादाजी ट्रस्ट जिला प्रशासन के अधीन होते हुए वित्त लेखा जोखा शासन नियम अनुसार रखते हुए आय व्यय शासन की गाइड लाइन अनुसार खर्च की जा सकती है जैसे कि कोई भी विषयवस्तु प्रकटन करना है । भण्डार क्रय नियम का पालनार्थ ही किया जायेगा उक्त ट्रस्ट शासन के अधीन होते हुए सूचना का अधिकार अधिनियन 2005 मार्गदर्शिका अनुसार धारा 2 (एच ) पब्लिक अथॉरिटी परिभाषित है , उक्त परिभासा अनुसार ऐसी सहकारी सोसायटियां जो कि राज्य /केंद्र शासन की प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष निधियों से वित्त पोषित नही है , यदि अधिनियम की धारा 2 (एच) (ए से di ) तहत स्थापित या गठित की गई है तो पब्लिक अथॉरिटी की श्रेणी में आएगी