चरित्र के श्रृंगार है सत्य, धर्म, प्रेम, शांति और अहिंसा -शरद श्रीवास्तव 

खंडवा | पांचमानवीय मूल्य सत्य, धर्म, प्रेम, शांति और अहिंसा चरित्र के श्रृंगार है। वही व्यक्ति अपना जीवन पवित्र और सुंदर बना सकता है जिसने इन मानवीय मूल्यों को जीवन में उतार लिया हो। यह विचार आध्यात्मिक उद्बोधन के वक्ता प्रोफेसर शरद श्रीवास्तव ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा किसी को देखकर मुस्कराना भी एक सेवा है, ईश्वर से मांगना है तो हम कोई भौतिक वस्तु नहीं मांगे। ईश्वर को ही मांग ले तो जीवन मे कोई कठिनाई ही नहीं आएगी तो ईश्वर हमें उबार देंगे।
श्री सत्य साई सेवा समिति के जिलाध्यक्ष ने बताया नगर संकिर्तन सुश्री विद्युतप्रभा दुबे के घर से निकला। सांयकालीन कार्यक्रम में वेद पाठ, भजन हुए। महावीर बाघ बाल विकास केंद्र की गुरु तृप्ति गुप्ता के निर्देशन में शिक्षा की सार्थकता नामक नाटिका प्रस्तुत की। इसमें सुजल यादव, दिव्यांश राठौर, पार्थ तोमर, शौर्य खेमानी, त्रयंबक शुक्ला, करण पटेल, शौर्य भंसाली, अर्जुन पटेल, सुमित पाटिल, गणेश पटेल, अनुज सिंह, हार्दिक मालवीय, केशव अग्रवाल ने अभिनय किया। मूल्य गीत महावीर बाग बाल विकास की छात्रा श्रुति गंगराड़े, नंदिनी गंगराड़े, प्रियांशी गंगराड़े, गौरांगी शुक्ला, तनुश्री गोखले, सार्थिका ढाके, सृष्टि कर्नाटक ने मधुर वाद्य यंत्र के साथ दी। मुख्य वक्ता शरद श्रीवास्तव का जिलाध्यक्ष तरुण झवर,एनआर शुक्ला ने साल श्रीफल से किया। समिति सदस्य शंकरभाई को भी समिति की ओर से पुष्प गुच्छ भेंट किया। साई सुमिरन पर मनमोहक रांगोली एवं पुष्प सज्जा कृति साध, प्रीति पटेल, सपना झवर, सुषमा साध, सपना डोंगरे, दिव्या ने की।  बच्चों ने नाटिका की आकर्षक प्रस्तुति दी।