ईमानदारी से लिखा साहित्य सदियों तक जीवित रहता है -कैलाश मंडलेकर

खंडवा सानेगुरुजी की अमर कृति श्याम ची आई पर समीक्षा आलेख प्रस्तुत करते हुए यह बात व्यंगकार कैलाश मंडलेकर ने कही। वे पाठक मंच खंडवा की बैठक में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा भाषा शिल्प के दृष्टिकोण से पुस्तक भले ही कम प्रभावित करे लेकिन भावनात्मक दृष्टिकोण बरसों राज करता रहेगा। द्वितीय सत्र में एकल रचनापाठ नासिर हुसैन ने प्रस्तुत किया। बैठक में श्री गोविंद गुंजन, शैलेंद्र शरण, कुलदीप फरे, संतोष तिवारी, ललित जैन, गोविंद शर्मा, सुषमा जैन, राजश्री शर्मा, तस्लीम शब्बीर, हेमंत उपाध्याय उपस्थित थे।