आयुष ने मुंबई में बिखेरा सुरो का जादू

खंडवा। कहते है प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती उक्त पंक्ति को सार्थक करते हुए एक छोटे से गांव सिंगाजी धारकवाड़ी में गरीब किसान परिवार के 12 वर्षीय बालक आयुष पिता अशोक कलम ने गायकी के क्षेत्र में अपनी कला का जादू बिखेरते हुए वाईस ऑफ इंडिया किड्स प्रतियोगिता में अपना स्थान बनाकर आज देशभर में सुर्खियां बटोर रहा है। यह आयुष की संगीत साधना का ही परिणाम है कि नागपुर में हुए ऑडिशन में निर्णायकों का दिल जीतते हुए ब्लाईंड ऑडिशन में परफारमेंस देकर सुप्रसिध्द गायक, संगीतकार हिमेश रेशमिया की टीम में उसे शामिल किया गया है।
स्थानीय रहवासी विपिन राठौर ने बताया कि आयुष भजन मंडलियों में शौकियाना तौर पर गाने गाया करता था, आयुष की सुरीली आवाज में छुपी प्रतिभा एवं संगीत के प्रति लगन देखकर हमारी भजन मंडली की टीम ने आयुष के परिजनों से मिलकर उसे संगीत साधना के लिए बाहर भेजने की बात कही। इस दौरान पता चला कि आयुष के मामा गोलू बागड़ी ग्राम फेफरी सरकार में निवास करते है, जिनसे भजन मंडली ने मिलकर आयुष को महानगरों में आयोजित संगीत साधकों की प्रतियोगिता में भाग लेने की सलाह दी गई, जिसके पश्चात 2 जुलाई को सारेगामापा लिटिल चैम्प मुबंई ऑडिशन में भाग लेने हम पहुंचे तो आयुष को बुखार आने के कारण ऑडिशन से निराश होकर हमें वापस लौटना पड़ा। इसके बाद अगला मौका खंडवा में आयोजित प्रतियोगिता किशोर कुमार वाईस ऑफ खंडवा में मिला जिसमें आयुष ने अपना सुरो का जादू बिखेर कर प्रतियोगिता में सफलता अर्जित की। समाजसेवी सुनिल जैन ने बताया कि उक्त बालक में गायकी के प्रति दीवानगी है जो कि किशोर कुमार वाईस ऑफ खंडवा प्रतियोगिता में दिखाई दी।
कुछ ही दिनों बाद वाईस ऑफ इंडिया किड्स की नागपुर ऑडिशन की तारीख का पता चला और एक कदम आगे बढ़ाते हुए नागपुर के लिए रवाना हो गए और इस बार किस्मत और संत सिंगाजी महाराज की असीम कृपा से ऑडिशन में सिलेक्शन हो गया। निर्णायकों ने मुम्बई आने का मौका दिया, मुंबई ऑडिशन में भी आयुष ने अपनी आवाज से सभी जजों का दिल जीत लिया और ब्लाइंड ऑडिशन में अपना स्थान बना लिया।