जर्जर आवास में रहने को मजबूर पुलिसकर्मी

जावर(अनवर मंसूरी)। जिसे दो पल के लिए मिलने वाला आराम भी नसीब नहीं हो पा रहा है जर्जर आवासों को सही कराने को लेकर अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है जिस से पुलिस कर्मी जर्जर आवास में रहने को मजबूर है  जावर थाना परिसर में पुलिस कर्मियों के लिए बने आवाज़ जर्जर हालात में है रख रखाव के अभाव इन आवासों की हालत दिन पर दिन खराब हो रही है छतों के कवेलु लकडियां ख़राब हो चुकी है दीवारों में दरारें आ चुकी है जमीन का फर्ज जगह-जगह उखड़ रहा है खिड़कियां टूट रही है दरवाजे सड़ गए हैं दीवारों का प्लास्टर उखड़ रहा है बारिश का पानी दीवारों के अंदर आ रहा है इससे बारिस के समय सीलन की स्थिति बनी रहती है आवासों के आसपास सफाई नहीं होने से जंगल जैसी स्थिति है इसके बाद भी कुछ पुलिसकर्मी जर्जर मकान में रहने को मजबूर है।
थाना परिसर में थाना भवन सहित आवासों का *निर्माण 80 साल पहले 1937* में कराया गया था मेंटेनेंस पर ध्यान ना देने के कारण थाना भवन और आवाज धीरे धीरे भवन जर्जर होते चले गए साल 2006 में थाना तो नए भवन में शिफ्ट हो गया लेकिन आवासों की दशा सुधारने की ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया इस कारण से पुलिसकर्मी परेशान है यहां गर्मी के मौसम में पीने के लिए पानी भी नहीं मिल पाता है जल स्रोत सूख जाने के कारण पेयजल संकट का भी सामना करना पड़ता है आवासों की मरम्मत ना होने से पुलिसकर्मियों के परिवार यहां रहना असुरक्षित महसूस करते हैं आवासों की जर्जर दीवारों के कारण दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है
नहीं मिली पर्याप्त राशि 
लंबे समय से इन आवासों की मरम्मत के लिए पर्याप्त राशि नहीं मिली है इससे इसकी हालत खस्ता होती जा रही है यदि जल्दी क्वार्टरों की मरम्मत नहीं की गई तो आवाज भरभरा कर गिर सकते हैं लंबे समय से पुलिसकर्मी क्वार्टरों की मरम्मत करने की मांग करते आ रहे हैं लेकिन ध्यान नहीं दिया जा रहा है जावर थाने में पुलिसकर्मी परस्त है इनके रहने के लिए प्रशासन द्वारा कोई समुचित व्यवस्था नहीं की गई है कड़कती ठंड हो या भीषण गर्मी बरसात सभी में इन्हें असुविधा का सामना करना पड़ रहा है भवन की हालत यह है कि रात में बारिश के समय कमरों में सोने पर इसके गिरने का हमेसा भय बना रहता है वही बाउंड्री वाल नहीं होने से परिसर से लेकर कमरो तक में सांप-बिच्छू जैसे खतरनाक जीव जंतु और पशु घुस जाते हैं