खण्डवा इतिहास की सबसे बड़ी प्रतिकार राशि

 

खण्डवा. प्रथम सत्र न्यायाधीश श्री अतुल सराफ के न्यायलय नें,एक निर्दोष व मासूम महिला की निर्मम हत्या करनें वाले आरोपी शान्तिलाल पिता किशन गुर्जर (24) निवासी मूंदी को हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास सहित 1000 रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई  !

6 /10/ 2016 को सुबह मूंदी पुलिस को खबर मिली कि एक महिला की हत्या कर दी गई है.मूंदी पुलिस की टीम नें मौके पर पहुँच कर देखा कि एक महिला के शरीर पर गंभीर चोट के निशान थे व सिर के कई टुकड़े हो गये थे.पुलिस नें मर्ग कायम कर जाँच शुरू की.पुलिस को वारदात के प्रत्यक्षदर्शियों नें वारदात का आखों देखा हाल सुनाया.प्रत्यक्ष दर्शियों नें पुलिस को बताया कि आरोपी शान्तिलाल गुर्जर निर्मलाबाई (मृतिका )के घर आया ओर कुछ कहासुनी के बाद घर के बाहर खड़ी मैजिक से कुल्हाड़ी निकाल मृतिका निर्मलाबाई पर इतनें वार किये कि उसकी मौके पर ही तड़प-तड़प कर मौत हो गई.आरोपी शान्तिलाल गुर्जर निर्मलाबाई की हत्या कर फरार हो गया.

आरोपी शान्तिलाल गुर्जर की पत्नि की आपस में नहीं बनती थी.जालिम शान्तिलाल अपनी पत्नि पर जुल्म करता रहता था.आरोपी शान्तिलाल की पत्नि व मृतिका निर्मलाबाई के दामाद मुहबोले भाई-बहन बने हुए थे. आरोपी शान्तिलाल गुर्जर की पत्नि उसके जुल्म सितम से परेशान हो कर अपनी आपबीती सुना,किसी ओर से शादी करानें की बात मृतिका के दामाद से कहती थी.जिसको लेकर कई बार आरोपी की पत्नि अपनें मुँह बोले भाई (मृतिका के दामाद ) के साथ मृतिका निर्मलाबाई के घर भी गई थी.घटना दिनाँक से कुछ दिन पहले भी आरोपी की पत्नि अपनें घर से बिना बताये अपनें मायके चली गई थी.इसी बात से शान्तिलाल नाराज था एवं उसे लगा कि उसकी पत्नि मृतिका निर्मलाबाई के घर रह रही है.इसी के चलते जालिम आरोपी शान्तिलाल निर्मलाबाई के घर पहुँचा,जहाँ उसकी बहस निर्मलाबाई से हुई.आरोपी शान्तिलाल नें उसके बाद निर्मलाबाई की बाहर खड़ी गाड़ी से कुल्हाड़ी निकाल निर्मलाबाई पर कई वार कर हत्या कर दी.

हत्या के बाद आरोपी शान्तिलाल की खून से सनी चप्पल मौके पर ही छूट गई थी,जिसे पुलिस नैं मौके से बरामद किया व सुरक्षित रख लिया.आरोपी शान्तिलाल गूर्जर के पकड़े जानें के बाद उससे बरामद कपड़े व कुल्हाड़ी पर लगे मृतिका के खून व सिर के बाल का डीएनए करानें नें इस प्रकरण में काफी मदद की.इसके अलावा प्रत्यक्षदर्शी साक्षियों के बयान से आरोपी शान्तिलाल को दोषी सिद्ध करानें में मदद की.24 साल के शान्तिलाल को अब मरनें तक जेल की सलाखों के पीछे सड़ना होगा.

मृतिका की पुत्री संगीता को माननीय न्यायालय द्वारा 125000 रूपय पीड़ित प्रतिकार योजना के अंतर्गत प्रदान किए जाने का आदेश दिया है जानकारी के अनुसार खंडवा न्यायालय के इतिहास में प्रतिकार योजना के अंतर्गत दिए जाने वाली यह अब तक की सबसे बड़ी राशि है !अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी चंद्रशेखर हुक्मलवार द्वारा की गई. यह जानकारी जिला अभियोजन कार्यालय के मीडिया सेल प्रभारी श्री बांके द्वारा दी गई !