खंडवा: जिला जिले में विचाराधीन बंद की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल ले जाते वक्त मौत

खंडवा: जिला जिले में विचाराधीन बंद की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल ले जाते वक्त मौत

खंडवा: जिला जिले में विचाराधीन बंद की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल ले जाते वक्त मौत

खंडवा। जननायक शहीद टंट्या भील जिला जेल में शनिवार सुबह एक विचाराधीन बंदी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। जानकारी के अनुसार 32 वर्षीय जीतेंद्र उर्फ़ जीतू पुत्र रविशंकर निवासी छनेरा को शनिवार सुबह अचानक तबियत बिगड़ने पर करीब छह बजे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

जीतेंद्र को हरसूद न्यायालय द्वारा 20 नवंबर को जेल भेजा गया था। वर्ष 2022 के आबकारी एक्ट के प्रकरण में वह विचाराधीन बंदी था। जेल सूत्रों ने बताया कि सुबह उसकी हालत खराब होने पर तत्काल मेडिकल टीम ने प्राथमिक जांच की और उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया, लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी।

भाई बोला- पहले कहा बीमार है, फिर मौत की खबर दी

मृतक के भाई सुधाकर सांगुले ने बताया, “आज शनिवार सुबह 9 बजे हरसूद पुलिस का एक जवान घर आया और उसने बताया कि भाई की मौत हो गई हैं। जबकि थोड़ी देर पहले फोन कर कहा था कि वह बीमार हैं।” सुधाकर ने बताया कि जितेंद्र की शादी नहीं हुई थी और वह एक महिला के साथ लिव-इन में रहता था।

मां का आरोप- पुलिस ने गिरफ्तारी की सूचना नहीं दी

मृतक की मां श्यामबाई का कहना है कि बेटे की गिरफ्तारी की सूचना पुलिस ने उन्हें नहीं दी। वह जिस महिला के साथ रिलेशनशिप में रहता था, उस महिला ने बताया कि जितेंद्र को पुलिस ले गई है।

‘किडनियां खराब थीं, पार्टनर ने रोकने की कोशिश की’

मां ने बताया, “जितेंद्र शराब पीने का आदी था। उसकी दोनों किडनियां खराब हो गई थी। उसकी प्रेमिका ने पुलिस से कहा कि उसे मत ले जाओ, लगे तो दो हजार रुपए ले लो। लेकिन पुलिस ने कोर्ट का मामला बताते हुए उसे नहीं छोड़ा और जेल भेज दिया।”

3 साल पुराना था मामला

भाई सुधाकर (रेलवे कर्मचारी) ने बताया कि उनके क्षेत्र में कच्ची शराब पीने और बेचने का काम चलता है। इसी मामले में पुलिस ने 3 साल पहले भाई के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था। संभवतः पेशी पर नहीं जाने के कारण कोर्ट ने वारंट जारी किया था, जिसके चलते यह गिरफ्तारी हुई थी।