खंडवा(अनवर मंसूरी)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद खंडवा नगर मंत्री दीपांशु पटेल ने बताया कि रानी लक्ष्मीबाई जयंती के उपलक्ष्य में विशेष व्याख्यान कार्यक्रम ‘मणिकार्णिका’ का आयोजन स्व नंदकुमार सिंह चौहान शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय सभागृह में किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में यूपीएससी टॉपर एवं खंडवा जिले की अपर कलेक्टर सृष्टि देशमुख, मुख्य वक्ता के रूप में इंदौर से पधारी डॉ माला सिंह ठाकुर विशिष्ट अतिथि मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता डॉ संजय कुमार दादू एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षाविद अजय सिंह राजपूत एवं अभाविप की विभाग छात्रा प्रमुख ज्योति यादव ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि खंडवा एडीएम सृष्टि देशमुख ने कहा कि छात्रों को पढ़ाई के समय अपने मोबाइल और सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखना चाहिए ताकि उनका ध्यान पढ़ाई पर ढंग से रह सके एवं हमेशा नेगेटिव लोगों से दूरी बनाना चाहिए साथ ही साथ उन्होंने कहा कि हमें कल क्या करना है उसकी तैयारी पहले से ही करना चाहिए ताकि हम समय का सही उपयोग कर सकें। और हमेशा हमें एक लक्ष्य डिसाइड करना चाहिए और उसे लक्ष्य के अनुसार हमें अपनी तैयारी करना चाहिये।

विशिष्ट अतिथि मेडिकल कॉलेज डीन डॉ संजय कुमार दादू ने कहा कि नारी का स्थान भारतीय संस्कृति में सर्वोच्च रहा है एवं मुख्य वक्ता डॉ. माला सिंह ठाकुर – नारी शक्ति पर आधारित मणिकर्णिका के उपलक्ष्य में कहा कि भारत की संस्कृति में नारी को शक्ति स्वरूपा माना गया है। हमारे शास्त्रों में भी कहा गया है—“यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता।”जहाँ नारी का सम्मान होता है, वहाँ देवताओं का वास होता है। “नारी केवल परिवार की रीढ़ नहीं, बल्कि समाज के विकास की धुरी है।नारी राष्ट्र के समाज निर्माण और सृजन की प्रतीक है,नारी वह शक्ति है जो,घर को संस्कार देती है,परिवार को दिशा देती है,समाज को जीवंतता देती है,और राष्ट्र को गति प्रदान करती है।जिस घर में नारी शिक्षित, जागरूक और आत्मनिर्भर होती है, वह घर नहीं—एक उन्नति का केंद्र बन जाता है।

डॉ. ठाकुर जी का मानना है कि नारी को सशक्त बनाने का सबसे प्रभावी माध्यम शिक्षा है।शिक्षित नारी आपने अधिकारों को जानती है,परिवार में सही निर्णय लेती है,समाज की गलत परम्पराओं के खिलाफ आवाज उठाती है और आर्थिक रूप से मजबूत होकर नई पीढ़ी को सुरक्षित भविष्य देती है।वे कहती हैं कि“आत्मनिर्भर नारी किसी पर आश्रित नहीं रहती, बल्कि स्वयं और दूसरों के लिए अवसर पैदा करती है।”आज नारी किसी क्षेत्र में पीछे नहीं है,सेना में,खेल के मैदान में,विज्ञान और तकनीकी में,राजनीति, प्रशासन, व्यापार या कला में,हर जगह नारी शक्ति नए आयाम स्थापित कर रही है।नारी की सबसे बड़ी शक्ति उसका साहस, संकल्प और संवेदनशीलता है।
डॉ. माला सिंह ठाकुर ने अपने वक्तव्य में इस बात पर जोर देती हैं कि अगर समाज को आगे बढ़ाना है तो नारी सुरक्षा और सम्मान को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी।नारी का सम्मान सिर्फ शब्दों में नहीं, बल्कि व्यवहार, कानून और सामाजिक मान्यताओं में दिखना चाहिए।हर लड़की को सुरक्षा, स्वतंत्रता और समान अवसर मिलना ही सच्चा नारी सम्मान है।
आज जरूरत है कि हम बेटियों के सपनों को उड़ान दें,बाल विवाह, दहेज और भेदभाव जैसी कुप्रथाओं को समाप्त करें,नारी को निर्णय लेने का अधिकार दें,हर घर में “समानता का वातावरण” बनाए।
डॉ. ठाकुर जी यही संदेश देती हैं कि नारी को सम्मान दें, अवसर दें और विश्वास दें क्योंकि “नारी कमजोरी नहीं, शक्ति है,नारी आश्रित नहीं, समर्थ है। नारी आज की नहीं, हर युग की प्रेरणा है।”

इसके तत्पश्चात सांस्कृतिक कार्यक्रम की छात्राओं द्वारा प्रस्तुति दी गई जिन्हें कार्यक्रम उपरांत प्रोत्साहन स्वरूप पुरस्कृत किया गया एवं कार्यक्रम का आभार अभाविप की विभाग छात्रा प्रमुख ज्योति यादव द्वारा व्यक्त किया गया इस दौरान विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं सहित बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित रही।
