डिजिटल डेस्क। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में मंगलवार को आयोजित 6वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार समारोह में खंडवा जिले को बड़ी उपलब्धि मिली है। जल संचयन जन भागीदारी अभियान में देश में प्रथम आने पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने खंडवा कलेक्टर ऋषव गुप्ता और जिला पंचायत CEO डॉ. नागार्जुन बी. गौड़ा को सम्मानित किया। इसके साथ ही जिले की कावेश्वर पंचायत को भी सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत श्रेणी में दूसरा पुरस्कार मिला है।
कलेक्टर गुप्ता ने बताया कि भारत सरकार के ‘जल शक्ति अभियान: कैच द रेन’ के तहत शुरू की गई ‘जल संचय, जन भागीदारी’ पहल में खंडवा जिले ने जल संरक्षण के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इसी के चलते जिले ने देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इस उपलब्धि के लिए खंडवा जिले को 2 करोड़ रुपए का पुरस्कार मिला है।
कावेश्वर पंचायत को मिला दूसरा पुरस्कार
इसी तरह खंडवा जिले की ग्राम पंचायत कावेश्वर को जल संरक्षण के उल्लेखनीय कार्यों के कारण राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत की श्रेणी में द्वितीय पुरस्कार के लिए चुना गया। इसके लिए पंचायत को 1.50 लाख रुपए का नकद पुरस्कार और ट्रॉफी प्रदान की गई है।
कावेरी उद्गम कुंड का किया जीर्णोद्धार
उल्लेखनीय है कि ग्राम पंचायत द्वारा पिछले सालों में कावेरी नदी के उद्गम कुंड का जीर्णोद्धार किया गया। साथ ही पंचायत के पहाड़ी क्षेत्र को वाटरशेड के मूल सिद्धांत “रिज टू वैली” के आधार पर विकसित किया गया।
50 हेक्टेयर में किया जल संरक्षण का काम
इसके तहत करीब 50 हेक्टेयर क्षेत्र में कंटूर, 55 गली प्लग, 35 पोखर तालाब, वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, हैंडपंप रिचार्ज, बोरवेल रिचार्ज और रिचार्ज शाफ्ट का निर्माण किया गया।
सरपंच और इंजीनियर का भी सम्मान
पंचायत के इन कार्यों के लिए जनपद पंचायत के इंजीनियर गौरव रघुवंशी और ग्राम पंचायत की सरपंच को केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने सम्मानित किया है।
जल संचय जन भागीदारी पहल में भी अग्रणी मप्र
जल संचय जन भागीदारी पुरस्कार : कैच द रेन के अंतर्गत साउथ जोन की श्रेणी एक में पहला पुरस्कार ईस्ट निमाड़ जिले को तथा श्रेष्ठ 50 शहरी निकायों में गुना को, ज़िलों में श्रेणी तीन में दूसरी रैंक में गुना, बैतूल, धार, देवास, सिवनी और खरगौन का चयन हुआ है।
इस पहल के अंतर्गत राज्यों को पाँच ज़ोन में बाँटा गया है। जिलों को न्यूनतम 10,000 कृत्रिम भू-जल पुनर्भरण एवं संचयन संरचनाएँ बनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। पूर्वोत्तर और पर्वतीय राज्यों के जिलों के लिए यह लक्ष्य 3,000 संरचनाएँ है, जबकि देशभर के नगर निगमों के लिए यह संख्या 10,000 निर्धारित की गई है। इन संरचनाओं में वर्षा जल संचयन (रूफटॉप रेनवॉटर हार्वेस्टिंग) के अलावा झीलों, तालाबों और बावड़ियों का पुनर्जीवन भी शामिल है।
शहरी जल संरक्षण प्रयासों को सशक्त करने के लिए, आवास और शहरी कार्य मंत्रालय ने जल शक्ति मंत्रालय के साथ साझेदारी की है। नगरीय निकायों को कम-से-कम 2,000 पुनर्भरण संरचनाएँ बनाने के लिए प्रेरित किया गया।
इस वर्ष कुल 100 पुरस्कारों की घोषणा की गई है, जिनमें तीन सर्वश्रेष्ठ राज्य, 67 जिले, छह नगर निगम, एक नगरीय स्थानीय निकाय, दो सहयोगी मंत्रालय/विभाग, दो उद्योग, तीन गैर-सरकारी संगठन, दो परोपकारी व्यक्ति और 14 नोडल अधिकारी शामिल हैं।
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