खंडवा कृषि उपज मंडी में गुरुवार दोपहर 12 बजे तब हंगामा हो गया जब किसानों ने व्यापारियों से उपज के दाम 50 हजार रुपए तक नगद मांग लिए। व्यापारी 10 हजार तक देने पर ही अड़े रहे। बात नहीं बनी तो व्यापारियों हंगामा कर चार घंटे तक नीलामी बंद रखी। इस बीच मंडी बोर्ड उपसंचालक टीम के साथ पहुंचे और सख्त रवैया अपनाकर पंजीकृत किसानों को 50 हजार रुपए तक नकद देने के निर्देश व्यापारियों को दिए। इस बीच चार घंटे तक 100 से अधिक वाहन मंडी में कतार में खड़े रहे। किसान दोपहर 4 बजे तक नीलामी का इंतजार कर परेशान होते रहे।
किसानों के लिए हितकारी शासन की भावांतर योजना व्यापारियों को रास नहीं आ रही। गुरुवार दोपहर हुआ हंगामा इसी का नतीजा है। दोपहर 3 बजे तक जो व्यापारी हंगामा कर मंडी बंद करने की बातें कर रहे थे, मंडी बोर्ड उपसंचालक के आते ही वे ठंडे पड़ गए।
पंजीकृत किसान को 50 हजार रुपए नकद भुगतान हर हाल में करना ही है
दोपहर 3.15 बजे मंडी बोर्ड उपसंचालक प्रवीण वर्मा मंडी पहुंचे और व्यापारियों को शासन के निर्देशों का हर हाल में पालन करने की हिदायत दी। अशोक अग्रवाल, प्रशांत अग्रवाल, कमलेश सेठी सहित अन्य व्यापारियों ने कहा अगर वे किसान को 50 हजार तक भुगतान करते हैं तो आयकर विभाग उन्हें परेशान करेगा। वे 10 हजार रुपए तक ही भुगतान करेंगे। इस पर उपसंचालक वर्मा ने कहा जो किसान पंजीकृत हैं, उन्हें 50 हजार रुपए तक हर हाल में नगद भुगतान करना है। जिनके पंजीयन नहीं हैं उनसे बैंक पासबुक व आधार कार्ड की छायाप्रति लेने के बाद 10 से 50 हजार रुपए तक भुगतान कर सकते हैं। समझाइश के बाद नीलामी फिर शुरू हुई।
तीन दिन से भटक रहा किसान
मंडी में भगवान पिता गजराजसिंह निवासी गोहलारी ने बताया उसने मंगलवार को गर्व ट्रेडर्स को 27 क्विंटल सोयाबीन 72 हजार रुपए में बेचा था। तीन दिन बाद भी उसके खाते में आरटीजीएस से भुगतान नहीं हुआ। किसान प्रवीण मंडलोई बमनगांव भीला, राजेश गंगराड़े जावर, गणपतसिंह भगवानपुरा, भूषण पाटीदार गांधवा ने बताया कुछ भी हो वे उपज बेचने पर नगद भुगतान ही लेंगे।
प्राइज डिस्प्ले बोर्ड लगेगा
मंडी सचिव केडी अग्निहोत्री ने बताया मंडी में एक प्राइज डिस्प्ले बोर्ड लगाया जाएगा। इस पर किसान अन्य मंडियों के उपज के दाम देख सकेंगे। इसके अलावा भावांतर योजना के फ्लैक्स व बैनर लगाकर किसानों को प्राेत्साहित करेंगे।