खण्डवा राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री एस. एस. रघुवंशी के निर्देशन, मार्गदर्शन एवं अध्यक्षता में आगामी 9 दिसम्बर को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत के संबंध में आज सोमवार को विद्युत विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता कर रहे जिला न्यायाधीश श्री रघुवंशी ने कहा कि विद्युत प्रकरणों के अधिक से अधिक न्यायालयों में राजीनामा योग्य लंबित एवं प्रीलिटिशन प्रकरणों को नेशनल लोक अदालत में रखे जाकर निराकृत किये जाने का प्रयास किया जाए। इस अवसर पर विद्युत विभाग के अधिकारी द्वारा व्यक्त किया गया कि इस नेशनल लोक अदालत में राजीनामा योग्य विद्युत के लगभग 3500 एवं न्यायालयों में लंबित लगभग 430 इस प्रकार कुल 3930 प्रकरणों को नेशनल लोक अदालत में निराकरण किये जाने हेतु रखा जाना सुनिश्चित किया है।
बैठक में लोक अदालत प्रभारी एवं प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय श्री ए. के. सिंह, विशेष न्यायाधीश श्रीमती इंद्रा सिंह, जिला रजिस्ट्रार एवं सचिव श्री हेमंत यादव एवं जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री चंद्रेष मंडलोई विशेष रूप से उपस्थित रहे तथा विद्युत विभाग की ओर से अधीक्षण यंत्री श्री के. के. लाड़, कार्यपालन यंत्री श्री एल. के. सोनेजी, कार्यपालन यंत्री श्री योगेश अठनेरे, कार्यपालन यंत्री श्री सुनील मवासकर एवं एजीपी श्री अभय दुबे उपस्थित रहे।
नेशनल लोक अदालत में विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135, 138 एवं 126 के अंतर्गत विद्युत के प्रीलिटिगशन एवं लंबित प्रकरणों में राजीनामा किये जाने हेतु निम्नानुसार छूट शासन द्वारा प्रदान की जा रही है। प्रीलिटिगशन स्तर पर कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राषि पर 40 प्रतिशत एवं आंकलित राषि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात् प्रत्येक छःमाही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राषि पर 100 प्रतिशत की छूट। इसी तरह लिटिगशन स्तर पर कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 25 प्रतिषत एवं आंकलित राषि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात् प्रत्येक छःमाही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिषत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट।
लोक अदालत में बिजली उपभोक्ताओं को मिलेगी छूट
आवेदक को निर्धारित छूट के उपरांत शेष देय आंकलित सिविल दायित्व एवं ब्याज की राशि का एकमुष्त भुगतान करने पर। उपभोक्ता या उपयोगकर्ता का विचाराधीन प्रकरण वाले परिसर एवं अन्य परिसरों पर उसके नाम पर किसी अन्य संयोजन या संयोजनों के विरूद्ध विद्युत देयकों की बकाया राषि का पूर्ण भुगतान भी करना होगा। आवेदक के नाम पर कोई विधिक संयोजन न होने की स्थिति में छूट का लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदक द्वारा विधिक संयोजन प्राप्त करना एवं पूर्व में विच्छेदित संयोजनों के विरूद्ध यदि कोई बकाया राशि हो तो उसका पूर्ण भुगतान करना अनिवार्य होगा। नेषनल लोक अदालत में छूट आवेदक द्वारा विद्युत चोरी या अनाधिकृत उपयोग पहली बार किये जाने की स्थिति में ही देय होगा। विद्युत चोरी या अनाधिकृत उपयोग के प्रकरणों में पूर्व की लोक अदालत या अदालतों में छूट प्राप्त किये उपभोक्ता या उपयोगकर्ता छूट के प्राप्त नहीं होंगें। सामान्य विद्युत देयकों के विरूद्ध बकाया राशि पर कोई छूट नहीं दी जावेगी। यह छूट मात्र नेशनल लोक अदालत दिनांक 09.12.2017 में समझौता करने के लिये ही लागू रहेगी। अपराध शमन शुल्क कानूनी प्रावधान अनुसार वसूली योग्य होगी।