सिवनी: अतिक्रमण बता मंदिर का शेड तोड़ा, 16 वनकर्मियों पर FIR:अफसर बोले- कार्रवाई झूठी

सिवनी: अतिक्रमण बता मंदिर का शेड तोड़ा, 16 वनकर्मियों पर FIR:अफसर बोले- कार्रवाई झूठी

सिवनी: अतिक्रमण बता मंदिर का शेड तोड़ा, 16 वनकर्मियों पर FIR:अफसर बोले- कार्रवाई झूठी

Digital Desk: सिवनी में 14 नवंबर को अतिक्रमण बताकर मंदिर का शेड तोड़ने का मामला वन विभाग के गले की फांस बन गया है। हिंदू संगठन का आरोप है कि कार्रवाई सिर्फ कुंठा निकालने के लिए की गई। विभाग के पास इसका कोई लिखित आदेश नहीं था। बवाल मचने के बाद आनन–फानन में वन विभाग के एसडीओ समेत 16 वनकर्मियों पर FIR भी दर्ज कर ली गई।

अब वन विभाग के अधिकारी इस पर खुलकर बोलने से बच रहे हैं। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि कार्रवाई झूठी की गई है। प्रोपेगंडा फैलाया जा रहा है।

बड़ी बात ये भी है कि कार्रवाई बड़े अफसर के मौखिक आदेश पर की गई थी। मामला सामने आने के बाद दैनिक भास्कर की टीम सिवनी जिला मुख्यालय से 42 किलोमीटर दूर इस मंदिर पर पहुंची। यहां पुजारी, हिंदू संगठन के लोगों और श्रद्धालुओं से बात कर मामले को समझने की कोशिश की।

सड़क किनारे 50 साल पुराना मंदिर पर लोगों की आस्था

सिवनी जिला मुख्यालय से बालाघाट रोड पर डामर की सिंगल रोड है। यह पूरा एरिया बरघाट वन परिक्षेत्र के अंतर्गत आता है। 42 किलोमीटर आगे चलकर बहरई नाके से करीब दो किलोमीटर आगे सड़क किनारे हनुमान जी का छोटा सा मंदिर बना है। यही से करीब दो किलोमीटर आगे वन विभाग का लकड़ियों का डिपो भी है। मुख्य मंदिर का चबूतरा 6 बाय 6 का होगा। ऊपर छोटा सा गुंबद भी है। अंदर हनुमान जी की मूर्ति है। समय के साथ जब भक्तों की तादाद बढ़ी, तो गांव वालों ने बारिश से बचने के लिए करीब 10 बाय 10 के एरिया में चारों ओर बाउंड्री कर ऊपर छत डाल ली। मंदिर के सामने छोटा सा टीन शेड लगा लिया था। पुजारी के रुकने के लिए मंदिर के पीछे आसपास जालियों का शेड लगा लिया था।

दोपहर करीब 3 बजे का वक्त था। यहां मंदिर के पुजारी जटाशंकर पांडे बैठे थे। मंदिर में कुछ श्रद्धालु भी मौजूद थे। लोग मंदिर में माथा टेक कर जा रहे थे। पास ही नारियल और पूजा सामान बेचने की छाेटी सी दुकान थी। तिरपाल डालकर चाय की छोटी सी गुमटी भी थी। जटाशंकर बताते हैं कि मंगलवार और शनिवार को यहां ज्यादा लोग आते हैं। यह मंदिर करीब 50 साल से ज्यादा पुराना है।

लोग बोले– आस्था को ठेस पहुंचाई गई

मंदिर पर आने वाले श्रद्धालु चंदन लाल गौतम ने बताया कि मूर्ति करीब 50 साल पुरानी है। लोगों के सहयोग से छोटा सा मंदिर बना लिया गया। यह वह चारों तरफ से खुला था। जंगल क्षेत्र होने के कारण आजू–बाजू में लोहे की जाली और दरवाजा बना लिया गया था। वह विभाग के लोगों ने हटा दिए।

बाबू लाल पाराशर का कहना है कि कई साल से मंदिर में दर्शन करने आ रहे हैं। यहां से लोगों की आस्था जुड़ी है। इस 50 साल पुराने मंदिर में लोग पूजन करने आते हैं। शनिवार–मंगलवार को भीड़ अधिक होती है। यहां 40 से अधिक वन विभाग के लोग आए थे, जिन्हें ने गलत तरीके से मंदिर को क्षति पहुंचाने का प्रयास किया। गाली गलौज की।

अफसर बाेले– अधिकारियों ने बोलने से मना किया

मामले में वन विभाग के अफसर मीडिया से बात करने से बच रहे हैं। एक अफसर ने नाम नहीं छापने की शर्त पर दैनिक भास्कर बताया कि अपने वरिष्ठ अधिकारी के मौखिक आदेश पर अतिक्रमण हटाने गए थे। मंदिर के आसपास लोगों ने अतिक्रमण कर लिया गया था। उसे ही तोड़ा था। गांव वालों ने विरोध जताया। हिंदू संगठनों के दबाव में गलत एफआईआर की गई है। यह झूठ और प्रोपेगंडा है। वरिष्ठ अधिकारियों ने हमें इस मामले में बोलने से मना किया है। मामले को ज्यादा आगे नहीं बढ़ाना है, इसलिए इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकते।

वरिष्ठ अधिकारी के आदेश पर की गई थी कार्रवाई

दरअसल, क्षेत्रीय मुख्य महहाबंधक (आरजीएम) ब्रजेंद्र झा बहरई होते हुए जबलपुर से बालाघाट जा रहे थे। इस दौरान सड़क किनारे संरक्षित वन क्षेत्र में स्थित मढ़ैया के आसपास बढ़ते अतिक्रमण को देखकर आरजीएम ने कर्मचारियों पर नाराजगी जाहिर की थी। साथ ही, इसकी रोकथाम करने संबंधी निर्देश जारी किए। इसके बाद वन वन अमला बहरई जंगल के हनुमान मंदिर का टीन शेड व अस्थाई निर्माण को तोड़ने पहुंच गया था। वन कर्मचारियों के अनुसार पहले भी जंगल के आसपास किए जा रहे अस्थायी अतिक्रमण को हटाने की समझाइश जा चुकी थी, इसके बाद भी इसे नहीं हटाया जा रहा था।

आरजीएम ब्रजेंद्र झा का कहना है कि प्राथमिक रूप से वन कर्मचारियों की लापरवाही सामने नहीं आई है। घटनाक्रम का पता लगाने के लिए विभागीय जांच कराई जा रही है। इसके बाद कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। संरक्षित वन क्षेत्र में मंदिर के विस्तार क्यों किया जा रहा था, यह भी जांच का विषय है। जंगल के अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है, यह सामान्य प्रक्रिया है।

मामले में बरघाट थाने के एसडीओपी ललित गठरे का कहना है कि धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने की शिकायत लेकर विश्व हिंदू परिषद के कुछ लोग आए थे। इसमें 16 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।