खंडवा: इंदौर लोकायुक्त ने शुक्रवार को सेंट्रल जीएसटी के अफसर को 20 हजार रूपए रिश्वत लेते पकड़ लिया। जीएसटी सुपरिटेंडेंट ने एक फर्म का सस्पेंड रजिस्ट्रेशन बहाल करने तथा दो फर्मों के रजिस्ट्रेशन में सुधार के लिए रिश्वत मांगी थी। मामले में खरगोन जिले के सनावद निवासी अकाउंटेंट की शिकायत की थी।
फरियादी राहुल बिरला निवासी सनावद के अनुसार वह GST रिटर्न एवं अकाउंटिंग का कार्य सनावद में रहकर करते हैं। CGST के सुपरिंटेंडेंट मुकेश त्रिपाठी द्वारा एक मेडिकल फर्म का रजिस्ट्रेशन सस्पेंड कर दिया गया था। वहीं तीन फर्मों में अमेंडमेंट कराना था। इसी काम के लिए रिश्वत मांगी थी, जिसकी शिकायत राहुल ने पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त राजेश सहाय से की थी।
लोकायुक्त डीएसपी प्रवीणसिंह बघेल ने बताया, जांच में शिकायत सही पाई गई। इसके बाद आज आरोपी सुपरिंटेंडेंट CGST प्रभाग खंडवा को रिश्वत लेते उनके कार्यालयीन कक्ष में रंगे हाथ ट्रैप कर लिया। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में कार्रवाई की है।
सवा लाख रूपए महीने का वेतन लेता था त्रिपाठी यूपी के रहने वाले रिश्वतखोर जीएसटी सुपरिटेंडेंट मुकेश त्रिपाठी (56) को शासन से हर महीने करीब सवा लाख रुपए का वेतन मिलता है। वह जुलाई 2023 से खंडवा में पदस्थ हैं। उन्होंने खंडवा में ही घर बना लिया है। शिकायतकर्ता राहुल बिरला के मुताबिक, अधिकारी ने हर काम के लिए रेट तय किया हुआ था।
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