RO Water: आरओ का पानी पी रहे हैं तो हो जाएं सावधान, सेहत से खिलवाड़ के साथ चल रहा पानी का गोरखधंधा

खंडवा(अनवर मंसूरी)। खंडवा में पानी आपूर्ति करने वाली एजेंसियां भी इस बात पर जोर देती हैं कि उनका पानी सौ फीसदी शुद्ध है, लेकिन हकीकत यह है कि यहां सबसे ज्यादा आरओ वॉटर प्‍यूरीफायर ही बिक रहे हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने केंद्र व राज्‍य सरकारों से कहा है कि जिन इलाकों में पानी ज्यादा खारा नहीं है, वहां आरओ के इस्तेमाल पर बैन लगाया जाए क्योंकि इससे पानी की बहुत बर्बादी होती है और यह सेहत के लिए मुफीद भी नहीं है।
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शहरों में पानी आपूर्ति करने वाली एजेंसियां भी इस बात पर जोर देती हैं कि उनका पानी सौ फीसदी शुद्ध है, लेकिन हकीकत यह है कि ताजनगरी में सबसे ज्यादा आरओ वॉटर प्‍यूरीफायर ही बिक रहे हैं या फ‍िर मिनरल वाटर के नाम पर लोगों को कुछ प्लांट संचालित करने वाले चिल्ड वाटर दे रहे हैं।

नगर निगम क्षेत्र में आरओ प्लांट लगे हैं। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) से चुनिंदा प्‍लांट को ही अनुमति है, जबक‍ि यहां सैकड़ो प्‍लांट बिना लाइसेंस संचालित हो रह‍े है। कुछ रसूखदारों ने ग्रामीण क्षेत्र में अपने प्लांट लगा रखे हैं जो समूचे खंडवा में अपनी सप्लाय दे रहें हैं। इससे जिम्मेदार लगातार बेखबर हैं या उन्होंने ऐसे प्लांट्स को मौन स्वीकृत दे रखी हैं. समझ से परे हैं।

गर्मी में आरओ वाटर के नाम पर शहर में करोड़ों का करोबार हो रहा है। दुकानों, ऑफिसेस और घरों में आपूर्ति होने वाले इस पानी को लोग सेहतमंद समझकर पी रहे हैं, लेकिन शायद उन्हें पता नहीं कि आरओ वाटर के नाम पर सिर्फ नल का पानी ही ऊंचे दामों पर बेचा जा रहा है। इसकी शुद्धता की कोई गारंटी नहीं है।

आरओ (रिवर्स ऑस्मोसिस) वाटर के नाम पर कुछ गैरकानूनी या अनुचित व्यवहार भी हो रहे हैं, जिन्हें “गोरख धंधा” कहा जा सकता है। इसमें निम्न शामिल हैं:
  • अनुचित मार्केटिंग:

    आरओ प्लांट वाले कुछ लोग गलत या बढ़ा-चढ़ाकर दावा करते हैं कि उनका पानी बहुत शुद्ध है, जबकि वास्तव में वह नहीं हो सकता है. 

  • पानी की गुणवत्ता की जांच न होना:

    कुछ प्लांट में पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए कोई लैब नहीं होती है, जिससे यह पता नहीं चलता कि पानी पीने योग्य है या नहीं. 

  • लाइसेंस या नियम का उल्लंघन:

    कुछ प्लांट बिना उचित लाइसेंस या नियमों का पालन किए ही काम कर रहे हैं, जिससे पानी की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है. 

  • पानी का गंदा होना:

    कुछ प्लांट में पानी को शुद्ध करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले फिल्टर ठीक से काम नहीं करते हैं, जिससे पानी में हानिकारक पदार्थ रह जाते हैं. 

  • पानी का गंध या स्वाद बदलना:

    कुछ प्लांट में पानी को शुद्ध करने की प्रक्रिया के कारण पानी में धातु जैसा स्वाद या गंध आ सकता है. 

  • खनिजों का निकल जाना:

    आरओ प्रक्रिया से पानी से कुछ आवश्यक खनिज निकल जाते हैं, जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं. 

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यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपके द्वारा पिया जा रहा आरओ पानी सुरक्षित है, आपको कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए:
  • प्रमाणित आरओ प्लांट से खरीदें:

    हमेशा एक ऐसे प्लांट से आरओ पानी खरीदें जो प्रमाणन (जैसे कि ISI या FSSAI) प्राप्त हो. 

  • पानी की गुणवत्ता की जांच करवाएं:

    अपने घर पर आरओ प्लांट के पानी की गुणवत्ता की जांच नियमित रूप से करवाएं. 

  • पानी की जाँच करें:

    अगर पानी का स्वाद या गंध अजीब लग रहा है, तो उसे पीने से बचें और जांच करवाएं. 

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि आरओ पानी को हमेशा शुद्ध माना जाता है, लेकिन यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि आरओ प्रक्रिया पानी से कुछ आवश्यक खनिजों को निकाल देती है.
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