MP: खंडवा में भाजपा नेता ने जहर खाकर जान दी: वीडियो बनाकर कहा- आरोपियों को 3.30 करोड़ दिए, अब न जमीन दे रहे, न रुपए

खंडवा(अनवर मंसूरी)। पूर्व भाजपा जिला महामंत्री संतोष पांडे ने प्रॉपर्टी विवाद से परेशान होकर जहर खा लिया। वे सिंगाड़ तलाई स्थित अपने निजी कार्यालय में थे, तभी उन्होंने यह कदम उठाया। गंभीर हालत में उन्हें इंदौर ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान बुधवार रात उनकी मौत हो गई। इससे पहले उन्होंने तीन वीडियो बनाए और आत्महत्या का कारण बताया।

भाजपा नेता संतोष पांडे करीब दो महीने से प्रॉपर्टी विवाद को लेकर तनाव में थे।

जानकारी के मुताबिक, बुधवार दोपहर करीब 3 बजे संतोष पांडे ऑफिस में थे। उनकी बेटी उन्हें चाय देने पहुंची, तो देखा कि पिता बेहोशी की हालत में जमीन पर पड़े हैं। उसने तुरंत परिवार को बताया। ऑफिस घर के पास ही था, इसलिए परिजन तुरंत पहुंचे और उन्हें निजी अस्पताल ले गए। डॉक्टरों ने हालत गंभीर बताई और इंदौर रेफर किया।

डॉक्टर से मांगी वीडियो बनाने की अनुमति परिजन संतोष पांडे को इंदौर के वेदांता हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि हालत बहुत नाजुक है। इस पर भाजपा नेता के भाई प्रवीण पांडे ने डॉक्टर से पूछा कि क्या वे वीडियो बना सकते हैं।

डॉक्टरों की अनुमति मिलने के बाद संतोष पांडे ने कैमरे में बताया, उपेंद्र मंडलोई से 3 करोड़ 30 लाख में जमीन खरीदी थी, लेकिन न तो उन्हें पैसे वापस किए जा रहे हैं और न ही जमीन दी जा रही। राजू मंडलोई, उमंग मंडलोई और विजय बिरला समेत अन्य लोग लगातार जमीन में नए पार्टनर जोड़ते गए। इस विवाद के कारण वे डिप्रेशन में थे।

सुसाइड नोट लिखा, लेकिन मिला नहीं वीडियो में संतोष पांडे ने जमीन सौदे का पूरा ब्योरा बताया। उन्होंने कहा कि लगातार टालमटोल, धमकियां और झूठे वादों से वे टूट गए। वीडियो में उन्होंने उन लोगों को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया, जिन्होंने जमीन बेचने के बाद धोखा दिया।

भाई प्रवीण पांडे के मुताबिक, संतोष ने सुसाइड नोट अपने ऑफिस में छोड़ा था। यह बात उन्होंने इंदौर में होश में आने पर बताई थी। हालांकि, सुसाइड नोट अब तक परिजन या पुलिस को नहीं मिला है।

पत्नी और बच्चों को धमकियां मिलने का भी दावा प्रवीण पांडे का कहना है कि जमीन विवाद में जिन लोगों के नाम आ रहे हैं, वे संतोष की पत्नी और बच्चों को भी धमका रहे थे। कहा जा रहा था कि उन्हें उठा ले जाएंगे। पूरा विवाद करीब दो महीने से चल रहा था। संतोष लगातार तनाव में थे।

इंदौर की विजयनगर पुलिस कर रही जांच घटना के बाद फिलहाल मामले की जांच इंदौर के विजयनगर थाना पुलिस कर रही है। वीडियो फुटेज, बयानों और संभावित सुसाइड नोट को आधार बनाकर जांच आगे बढ़ाई जा रही है। परिवार ने इस पूरे मामले में जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।

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