खंडवा : खंडवा के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रविवार सुबह एक प्रसूता की मौत हो गई। परिजन डॉक्टर की लापरवाही बता रहे है। बताते है कि रात में सीजेरियन डिलीवरी के बाद महिला ने बेटे को जन्म दिया। उसे सेकंड फ्लोर पर स्थित वार्ड में भर्ती किया। जहां कुछ देर बाद उल्टियां होने लगी। वार्ड स्टाफ ने तकलीफ को नॉर्मल बता दिया। उल्टियां रुक नहीं रही थीं। सुबह 7 बजे प्रसूता ने दम तोड़ दिया।
डॉक्टर की लापरवाही से हुई मौत पर परिजन आक्रोशित हो गए। उन्होंने वार्ड और अस्पताल में हंगामा कर दिया। सूचना पर सीएसपी अरविंदसिंह तोमर, तहसीलदार महेश सोलंकी समेत दो टीआई मौके पर पहुंचे। मृतका आरती पति अंकित छैगांवमाखन के पास मोहनपुर गांव की रहने वाली हैं।
नवजात बालक की हालत स्थिर हैं। परिवार वाले मृतिका बहू को न्याय दिलाने की मांग पर अड़े हैं। फिलहाल, जिला अस्पताल में शव के पोस्टमार्टम होने को लेकर विरोध जता रहे हैं।
सास बोली- रात्रि स्टाफ को सस्पेंड करो, तभी न्याय होगा
आरती की सास अनीताबाई का कहना है कि मेरी बहू को रात से तकलीफ हो रही थी, लेकिन अस्पताल में पूरे टाइम डॉक्टर नहीं थी। स्टाफ को कह कहकर थक गए, लेकिन उन्होंने एक नहीं सुनीं। इलाज में लापरवाही के कारण मेरी बहू की मौत हुई हैं। हम लोग खुशी मना रहे थे कि पहली संतान बेटी के बाद बेटे का जन्म हुआ है। लेकिन अस्पताल वालों ने हमारी खुशियों को रौंद दिया।
मैं यहीं चाहूंगी कि मेरी बहू को न्याय मिले। उसके लिए रातभर स्टाफ को सस्पेंड किया जाए। उन्हें नौकरी से निकाला जाए, तभी न्याय होगा। इसके साथ ही वे लोग दो संतानों के भरण-पोषण और पढ़ाई का आजीवन खर्च भी उठाएं। इधर, अन्य परिजनों ने कहा कि उनसे हर बात पर पैसे की डिमांड की गई। ओटी से वार्ड तक प्रसूता को लाने वाले स्टाफ ने 500 रूपए लिए। इसके बाद अलग-अलग स्टाफ ने रात में ही दो हजार रूपए ले लिए।
बेटी का जन्मदिन था, बेटे को जन्म देकर मां चली गई
मृतका आरती की यह दूसरी संतान थी, जिसे शनिवार रात को जन्म दिया। पहली संतान बेटी है, जिसका आज जन्मदिन है, दूसरा कि उसके भाई ने जन्म लिया। इस तरह परिवार में चारों तरफ खुशियां थी। लेकिन जरा सी तकलीफ पर ये खुशियां मातम में बदल गई। बेटी को भाई देने वाली मां और परिवार को वंश देने वाली बहू का निधन हाे गया। अफसोस इस बात का है कि, सरकारी अस्पताल के डॉक्टर इतना कह देते कि हम इलाज करने में असमर्थ है तो प्राइवेट अस्पताल में चले जाते।
सिविल सर्जन बोले- डॉक्टर ने दवाई, इंजेक्शन दिया था
सिविल सर्जन डॉ. संजय दीक्षित का कहना है कि, प्रारंभिक तौर पर प्रसूता की मौत उल्टियां होने से हुई है। ऐसा प्रतीत होता है कि उल्टी के फेंफड़े में फंसने के कारण उसने दम तोड़ा है। रहा सवाल इलाज में लापरवाही के आरोप का तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। डाॅक्टर ने प्रसूता को दवाई और इंजेक्शन दिया था।
सीएसपी बोले- पीएम के राजी हो गए परिजन
सीएसपी अरविंदसिंह तोमर का कहना है कि सीजेरियन वार्ड में एडमिट 22 वर्षीय प्रसूता आरती की मौत हो गई है। परिजन ने सुबह अस्पताल में आक्रोश व्यक्त किया। उन्होंने इलाज में डॉक्टरों की लापरवाही बताते हुए कार्रवाई की मांग की है। हमने उन्हें आश्वस्त किया कि मौत की वजह पीएम रिपोर्ट में क्लियर होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाए। परिजन पीएम के लिए राजी हाे गए। पोस्टमार्टम कराकर शव परिजन के सुपुर्द कर दिया हैं। थाना मोघट रोड पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया हैं।
Source: bhaskar.com