दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आबकारी नीति मामले में जमानत पर बाहर आए हैं. उन्होंने रविवार, 15 सितंबर को अपने इस्तीफे की घोषणा की.0 आप कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि वह अगले दो दिनों में इस्तीफा देंगे. नए मुख्यमंत्री के चयन के लिए विधायक दल की बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें मुख्यमंत्री के चेहरे पर निर्णय लिया जाएगा.
अरविंद केजरीवाल दो दिन बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने जा रहे हैं. ऐसे में नए दिल्ली के मुख्यमंत्री के लिए प्रबल दावेदारों के नाम सामने आ रहे हैं. सबसे प्रमुख नाम दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी का है. आतिशी केजरीवाल की सबसे विश्वसनीय नेताओं में गिनी जाती हैं और उन्होंने मनीष सिसोदिया के जेल जाने के बाद शिक्षा विभाग और दिल्ली का बजट भी संभाला है. इसके अलावा, केजरीवाल ने अपने भाषण में भी 15 अगस्त को झंडा फहराने के लिए आतिशी का नाम लिया था. वह कालकाजी सीट से विधायक हैं और दिल्ली सरकार में शिक्षा, पीडब्ल्यूडी, संस्कृति और पर्यटन मंत्री हैं.
दूसरे दावेदार सौरभ भारद्वाज हैं, जो लंबे समय से आम आदमी पार्टी से जुड़े हुए हैं. वे ग्रेटर कैलाश सीट से विधायक हैं और दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य, शहरी विकास और पर्यटन मंत्री हैं. सौरभ पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं और संकट की स्थितियों में पार्टी की ओर से पक्ष रखते हैं. वे संयमित व्यवहार के लिए जाने जाते हैं, जो उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए मजबूत दावेदार बनाता है.
तीसरा नाम कैलाश गहलोत का है, जो परिवहन और पर्यावरण मंत्री हैं और नजफगढ़ विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं. वे लो-प्रोफाइल नेता माने जाते हैं और चर्चा में कम रहते हैं. फिलहाल उनके पास प्रशासनिक सुधार, परिवहन, राजस्व, कानून, महिला और बाल विकास तथा सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग की जिम्मेदारी है.
अरविंद केजरीवाल को पुलिस ने जब गिरफ्तार किया था. उस समय उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल ने पार्टी के लिए अहम भूमिका निभाई थी. लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान सुनीता केजरीवाल इंडिया गठबंधन की रैली में भी शामिल हुई थी. हालांकि अगर सुनीता केजरीवार दिल्ली की सीएम बनती है वो विपक्ष को अरविंद केरजीवाल के ऊपर परिवारवाद का आरोप लगाने का अवसर मिल सकता है. गौर करने वाली बात यह है कि ऐसा पहले भी हो चुका है. बिहार के मुख्यमंत्री लालू यादव जेल जाने से पहले अपनी पत्नी राबड़ी देवी को सीएम बना दिए थे.