वन मंत्री डॉ. शाह ने वन विभाग की राज्य स्तरीय ऑनलाइन बैठक ली

खण्डवा 13 मई, 2021 – प्रदेश के वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने गुरूवार को मुख्य वन संरक्षक कार्यालय खण्डवा में वेब लिंक के माध्यम से प्रदेश के सभी जिलों के वन मण्डल अधिकारियों, मुख्य वन संरक्षकों व राष्ट्रीय उद्यानों के संचालकों की ऑनलाइन बैठक लेकर वन विभाग की गतिविधियों की विस्तार से समीक्षा की। बैठक में गत एक वर्ष में वन्य प्राणियों की मृत्यु एवं उसके कारणों की समीक्षा की गई। साथ ही तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य की प्रगति की समीक्षा भी बैठक में की गई। वन मंत्री डॉ. शाह ने बैठक में अपलेखन योग्य वाहनों व अंतिम रूप से राजसात वाहनों की नीलामी की प्रगति की समीक्षा भी इस दौरान की।

उन्होंने वन क्षेत्रों में निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा के साथ साथ वन सुरक्षा व पौधरोपण की प्रगति के बारे में भी अधिकारियों से पूछताछ की। इस दौरान मुख्य वन संरक्षक खण्डवा  एम.एस. सिसौदिया तथा वन मण्डल अधिकारी खण्डवा  शुक्ला व वन संरक्षक अनुसंधान व विकास  सूलिया भी मौजूद थे।

वन मंत्री डॉ. शाह ने बैठक में सभी अधिकारियों से कहा कि वे कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए कार्य करें, ताकि कोरोना संक्रमण से बचे रहे। उन्होंने कहा कि वन अधिकारी कर्मचारी जंगलों व वन्य प्राणियों की सुरक्षा के साथ साथ अपनी सुरक्षा का भी ध्यान रखें। बैठक में उन्होंने बिगड़े वनों के सुधार कार्य की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि वन विभाग के सभी अधिकारियों को बिगड़े वनों के सुधार के लिए कुछ कुछ जंगल गोद लेकर उसकी सुरक्षा का दायित्व संभालना होगा। वन मंत्री डॉ. शाह ने कहा कि वे स्वयं 100 हेक्टेयर बिगड़े वनों के सुधार का जिम्मा ले रहे है। इसी तरह सभी अधिकारी भी जिम्मेदारी लें व निभाये।

वन मंत्री डॉ. शाह ने बैठक में कहा कि वनवासी भाईयों की आय बढ़ाने के लिए राज्य शासन द्वारा 32 लघु वनोपजों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किए गए हैं। इनमें 18 लघु वनोपजों की प्रजातियों के समर्थन मूल्य पहली बार शामिल किए गये हैं। इसमें प्रमुख रूप से गिलोय, कालमेघ, गुडमार और जामुन बीज शामिल हैं। उन्होंने कहा है कि गत वर्ष अप्रैल माह में 14 लघु वनोपजों के न्यूनतम मूल्य में वृद्धि भी की गई है। इसमें महुआ फूल, अचार गुल्ली, शहद, पलास लाख एवं कुसुम लाख शामिल हैं। इस तरह प्रदेश में अब तक 32 लघु वनोपजों का न्यूनतम मूल्य निर्धारित किया जा चुका है। लघु वनोपजों के संग्रहण मूल्य निर्धारित होने से उनके आर्थिक हालात में सुधार होगा।

18 लघु वनोपज का समर्थन मूल्य पहली बार निर्धारित किया गया

वन मंत्री डॉ. शाह ने बैठक में बताया कि वन विभाग द्वारा गत वर्ष जिन 18 लघु वनोपजों का पहली बार समर्थन मूल्य प्रति किलोग्राम निर्धारित किया गया है, उनमें जामुन बीज 42 रु., आंवला गूदा 52 रू., मार्किंग नट (भिलावा) 9 रु., अनन्त फूल 35 रु., अमलतास बीज 13 रु., अर्जुन छाल 21 रु., गिलोय 40 रु., कोंच बीज 21 रु., कालमेघ 35 रु., बायबडंग बीज 94 रु., धवई फूल 37 रु., वन तुलसी पत्तियाँ 22 रुपये, कुटज (सूखी छाल) 31 रुपये, मकोय (सूखी छाल) 24 रु., अपंग पौधा 28 रु., इमली (बीज सहित) 36 रु., शतावरी की सूखी जड़ 107 रु. और गुडमार लघु वनोपज 41 रु. प्रति किलो न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है।

14 लघु वनोपजों के समर्थन मूल्य में वृद्धि की गई

वन मंत्री डॉ. शाह ने बैठक में बताया कि वन विभाग द्वारा गत वर्ष 14 तरह की वनोपज के प्रति किलो न्यूनतम समर्थन मूल्य में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। इनमें आचार गुटली का न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रति किलो 109 रू. से बढ़ाकर 130 रू., पलाश लाख रंगीन का मूल्य 130 रू. से बढ़ाकर 150 रू., कुसुम लाख का मूल्य 203 रू. से बढ़ाकर 230 रू., हर्रा का मूल्य 15 रू. से बढ़ाकर 20 रू. , बहेड़ा का मूल्य 17 रू. से बढ़ाकर 25 रू., बेल गूदा का मूल्य 27 रू. से बढ़ाकर 30 रू., चकोड़ बीज का मूल्य 14 रू. से बढ़ाकर 20 रू., शहद का मूल्य 195 रू. से बढ़ाकर 225 रू., महुआ फूल का मूल्य 17 रू. से बढ़ाकर 35 रू., महुआ बीज का मूल्य 25 रू. से बढ़ाकर 35 रू., करंज बीज का मूल्य 19 रू. से बढ़ाकर 40 रू., नीम बीज का मूल्य 23 रू. से बढ़ाकर 30 रूपये तथा नागर मोथा का न्यूनतम समर्थन मूल्य 27 रूपये प्रति किलो से बढ़ाकर 35 रू. किया गया है।