जल के निजीकरण की प्रक्रिया शुरू…अघोषित मोहर

खंडवा। प्रदेश के मुखिया बोलते रहे नर्मदा जल का निजीकरण नहीं होगा…मीटर नहीं लगेंगे…लेकिन खंडवा नगर निगम में यह हो रहा है…प्रदेश के मुखिया के स्वर में महापौर भी बोले मीटर स्वैच्छिक है….लेकिन लगाना पड़ रहा है….यदि नहीं लगाया है तो अघोषित रूप से पानी बंदी भी की जा चुकी है….अब शहर के जोन 9 में किसी भी रहवासी को नर्मदा जल मीटर लगवाने पर ही जल की आपूर्ति मिल सकेगी….यह भी अघोषित है…. इस जोन की सीमा के सभी आपूर्ति वॉल बंद कर दिए गए है….यह कंपनी शासन का प्रतीक है….लेकिन यह भी अघोषित है….। निगम मनमानी कर रहा है….लेकिन यह भी अघोषित है….। जनप्रतिनिधि का मौन भी घोषित है…..कंपनी का प्रयास अघोषित है….। नियमों को दरकिनार करना भी अघोषित है…..। और शहर की जनता तो लुट रही है…कभी वादों में….कभी यादों में….कभी विश्वास में…..और हाल ही में नर्मदा जल के छलावे में….। आज यह स्थिति है कि नर्मदा जल का मीटर लगवाओ तो ही पानी पाओ…..। शहर की जनता को इंतजार है आगामी चुनाव का…जहां का वॉल कंपनी या निगम बंद नहीं कर पाएगी लेकिन मुंह का खाएगी…। जय जनता …जय नर्मदा माँ….जवाब जनता ही देगी….। शासकों और प्रशासकों को जो नर्मदा जल के नाम पर तुष्टीकरण की नीति अपनाए हुए है। जल के निजीकरण की यह अघोषित मोहर से बड़ी जनता की मोहर ही साबित होगी….। अभी तो कंपनी को समझना होगा कि दिल्ली दूर है…। एक क्षेत्र में अघोषित मोहर कारगर हो सकती है….लेकिन पूरा शहर इस झांसे में नहीं आने वाला..। आपके विचारों का इंतजार रहेगा।

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