खंडवा।बुरे कामों का नतीजा बुरी संगत का फल हमेशा बुरा ही होता है…. बुरे साथी हमेशा ही असामाजिक होते हैं,गद्दारी इनके रग रग में होती है….और नतीजन जिंदगी और मौत दांव पर लगी होती है…कुछ ऐसी ही अपराधिक घटना जिले में गठित हुई जहां साथी चोरों ने मिलकर अपने ही साथी की हत्या को अंजाम दिया…कारण सिर्फ इतना था कि पकड़े जाने का भय…इसी कड़ी ने पुलिस को हत्या के आरोपीयों तक पहुंचा दिया। मामला जिले के रेलवे ट्रेक सुरगांव बंजारी में मिली लाश का है पुलिस ने अंधे कत्ल की गुत्थी को सूझबूझ से सुलझा लिया। आरोपी गिरफ्त में है।
यह था मामला
पुलिस को सुरगांव बंजारी रेलवे ्रट्रेक पर युवक की लाश नग्न अवस्था में मिली थी। एसपी नवनीत भसीन ने जावर पुलिस को जांच के आदेश देकर टीम गठित की। जांच में पता चला कि मृतक आदतन शातिर चोर है और मोटर सायकिल चुराने से लेकर अन्य अपराधों को जन्म दे चुका है और हाल ही में जेल से छूटकर आया है। प्रारंभिक जांच में पता चला कि उसके साथी घटना के बाद से फरार है।
एएसपी महेन्द्र तारणेकर ने बताया कि पता चला कि जितेन्द्र,दिलीप,नीलेश और सोनू ने घटना वाले दिन साथ में खाना खाया था। चोरी की नियत से धनगांव थाना अंतर्गत ग्राम डूंगरगांव नहर रास्ते से पहुंचे और फिर शराब पी।
बनाया प्लान
मृतक मुकेश नशे की हालत में तार चोरी के लिए बिजली के खंबे पर चढ़ गया लेकिन किसी कारणवश फिसलकर नीचे गिरा और घायल हो गया। चोर साथियों ने सोचा कि मुकेश को घर या अस्पताल ले जायेंगे तो पकड़े जाने का डऱ रहेगा। उसी समय उन्होने मुकेश को मौत के घाट उतारने की योजना बनाई। सबसे आसान तरीका था रेलवे ट्रेक। सुरगांव बंजारी रेलवे ट्रेक पर मुकेश को नग्न अवस्था में जिंदा ही रेलवे ट्रेक पर पटक दिया। जिससे कि दुर्घटना जैसा लगे। मुकेश के हाथ पर मां मंजू बाई का नाम गुदा था। तो उन्होने मुकेश की रेल की चपेट में आने तक इंतजार किया कि हाथ को कहीं और फेंक देंगे जिससे की पहचान न हो सके। मुकेश की मौत के बाद उन्होने हाथ को जंगल में फेंक कर कपड़े और जूते जंगल में ले जाकर गाड़ दिए। लेकिन गलती से गुदा हुआ हाथ रह गया।
शक के घेरे में
पुलिस की शक की सुई मृतक के साथियों पर ही थी क्योंकि वह घटना के बाद से गायब थे। चौथे साथ नीलेश पर नजर रखी गई। तीन अन्य फरार थे। आखिरकार पुलिस की मेहनत रंग लाई और आरोपीगण गिरफ्त में आ गए। पूछताछ में उन्होने जुर्म कबूल कर लिया।