भोपाल। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के राशन में होने वाली अफरा-तफरी और शिकवा-शिकायतों से बचने के लिए सरकार जल्द ही नकद अनुदान देने की व्यवस्था को लागू कर सकती है। राशन से पहले केरोसिन में यह प्रयोग जल्द ही लागू किया जाएगा।
इसके लिए खंडवा का चयन किया है। यहां राशन दुकान से केरोसिन देने की जगह अनुदान हितग्राही के खाते में जमा कराया जाएगा। प्रयोग सफल हुआ तो इसे खाद्यान्न् के मामले में भी लागूू किया जाएगा। मैदानी जानकारियों के आधार पर मुख्यमंत्री ने खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग को पीडीएस में राशन देने की जगह अनुदान डीबीटी ( डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर) करने पर विचार करने को कहा था।
इसके मद्देनजर विभाग ने प्रस्ताव तो तैयार कर लिया पर अभी पूरी तरह सहमति नहीं बनी है। विभागीय मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे का कहना है कि खंडवा से पहले केरोसिन (मिट्टी को तेल) में अनुदान सीधे देने का काम किया जाएगा। हितग्राहियों ने इसे स्वीकार किया तो आगे विस्तार किया जा सकता है। हमारी मंशा है कि अनुदान का लाभ वास्तविक लोगों को मिले।
17-18 रुपए प्रति किलोग्राम के लिए मिलेंगे
प्रदेश में सरकार एक रुपए किलोग्राम के हिसाब से गेहूं और चावल पौने पांच करोड़ लोगों को दे रही है। केंद्र सरकार पीडीएस के तहत बंटने वाले राशन के लिए प्रति किलोग्राम 17-18 रुपए की अनुदान देती है। नई योजना में यह राशि सीधे हितग्राही के खाते में जमा कर दी जाएगी। इसके बाद उसकी जहां से मर्जी होगी, वहां से अपनी जरूरत के हिसाब का राशन लेगा। खाद्य सुरक्षा कानून के तहत प्रति पात्र व्यक्ति को पांच किलोग्राम राशन प्रतिमाह मिलता है।
बड़े शहरों में पहले लागू होगी योजना
सूत्रों के मुताबिक खाद्य विभाग ने राशन की जगह हितग्राहियों के खाते में सीधे अनुदान देने की योजना पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर बड़े शहर भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर से लागू करने का प्रस्ताव बनाया है। इसे मुख्यमंत्री सचिवालय को भेजा है। मुख्यमंत्री की हरी झंडी मिलते ही इसे क्रियान्वित किया जाएगा।