खंडवा। सिंधी कॉलोनी स्थित बालक धाम में स्वामी माधवदास उदासी जी के सानिध्य में प्रबोधिनी एकादशी पर श्रद्धा पूर्वक तुलसी विवाह का परंपरागत रुप से भव्य आयोजन हुआ। इस दौरान गगनभेदी आतिशबाजी भी की गयी, वहीं कथा कीर्तन, आरती अरदास पश्चात प्रसादी का वितरण भी हुआ। यह जानकारी देते हुए बालक धाम प्रवक्ता निर्मल मंगवानी ने बताया कि तुलसी विवाह के पूर्व बालकधाम में आशा दीवार सत्संग संपन्न हुआ। अहमदाबाद से पधारे 75 वर्षीय कथावाचक जयरामदास जग्यासी ने तुलसी कथा के अंतर्गत कहा कि राजा जालंधर का तीनों लोकों में राज था, राजा की पत्नी को वरदान प्राप्त था कि जब तक उसका सत कायम रहेगा तब तक राजा जालंधर का कोई बाल भी बांका नहीं कर सकेगा। एक बार युद्ध के दौरान भगवान विष्णुजी ने छल कपट कर राजा जालंधर का रूप धर माता वृंदा का सत खंडित कर दिया, तब राजा जालंधर युद्ध में मारा गया। यह देख कर वृंदा ने विष्णुजी से पूछा आप कौन हैं किंतु वह कोई जवाब न देकर चुप खड़े रहे तब वृंदा ने नाराज होकर उन्हें पत्थर बनने का श्राप दे दिया। तभी से भगवान श्रीहरि विष्णुजी शालिग्राम के रुप में तुलसी माता के संग विवाह एवं पूजे जाने लगे है स्वामी माधवदास जी ने तुलसी माता एवं एकादशी माहत्म कथा का महत्व सविस्तार बखान किया। तुलसी विवाह के दौरान यजमान दूल्हा एवं दुल्हन के रूप में दर्शन सबनानी एवं इंद्रकुमार जेठवानी सपत्नी मौजूद रहे। इस मौके पर मोहन काका राजानी, रूपचंद डोडानी, भजन गायक लखन टोपलानी, चंद्रलाल मंगवानी, राजेश हिरानी, निर्मल मंगवानी, अमित जिंदानी, लालचंद मंगलानी, मयूर जेठवानी, धर्मादेवी गोस्वामी आदि सहित समाजजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
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