खंडवा। दस दिन बाद मिलने पर अपहृत पांच साल का पवन पिता को देखते ही लिपट गया। उसके व पिता की आंखों में खुशी के आंसू थे। पिता ने कहा अब कभी बेटे को अकेला नहीं छोड़ूंगा। उधर सूरत पुलिस आरोपी मुकेश को लेकर केहलारी पहुंची और उसके द्वारा चुराकर लाया गया मोबाइल ढूंढ़ा, नहीं मिलने पर शंका में उसके भाई को उठा लाई। तफ्तीश के बाद पुलिस ने भाई को छोड़ दिया और मुकेश को लेकर सूरत रवाना हो गई।
17 अक्टूबर को सूरत की स्टील कंपनी में काम करने वाला मुकेश उर्फ मूसा पिता मानसिंग (22) निवासी ग्राम पत्तरवाड़ा, तहसील भीकनगांव, जिला खरगोन कंपनी के कर्मचारी भरत पांडे के बेटे पवन पांडे (5) का अपहरण कर खंडवा ले आया था। पुलिस ने सात दिनों तक खंडवा व धार में तफ्तीश भी की लेकिन दोनों का कोई सुराग नहीं मिला। 26 अक्टूबर को वकील वीरेंद्र वर्मा व पक्षकार गोकुल तोमर की तत्परता से आरोपी मुकेश को पुलिस ने जावर थाने के ग्राम केहलारी से पकड़ा और अपहृत पवन को सकुशल वापस ले आई।
सूरत पुलिस के पीएसआई केपी मेहता ने बताया आरोपी मुकेश अपने साथ भरत की साइकिल व मोबाइल चुरा लाया था। खंडवा पहुंचने पर वे शुक्रवार को केहलारी उसके भाई खुश्याल के यहां पहुंचे और मोबाइल ढूंढ़ा। नहीं मिलने पर पूछताछ के लिए खुश्याल को थाने ले आए। कुछ खास जानकारी नहीं मिलने पर उसे पूछताछ कर छोड़ दिया। मेहता ने बताया आरोपी मुकेश के खिलाफ धारा 363 के साथ 379 भी दर्ज होगी।
सूरत से अपहृत पांच साल के पवन पांडे की बरामदगी में सूझबूझ के साथ अहम भूमिका निभाने वाले अधिवक्ता वीरेंद्र वर्मा का शुक्रवार को जिला न्यायालय में अधिवक्ता साथियों ने स्वागत-सम्मान किया। जिला अधिवक्ता संघ अध्यक्ष मोहन गंगराड़े सहित अन्य अधिवक्ताओं ने शॉल-श्रीफल भेंट कर उनकी भूमिका की सराहना की। शुक्रवार को जिला न्यायालय में भी सभी उन्हें दिन भर बधाई देते रहे। वरिष्ठ अधिवक्ता बीए भाटे, अधिवक्ता संघ सचिव योगेश गुप्ता, पूर्व सचिव देवेंद्र सिंह यादव, मुकेश नागोरी, रंजन जैनी, सुभाष नागौरी, प्रणय गुप्ता, सैफुद्दीन खान, राकेश थापक, संतोष कुमार गौर, सत्येंद्र सिंह तंवर, पुष्पा गौर, नितिन झंवर, विजय चौधरी, रविंद्र झंवर, विक्रम लश्करी, प्रवीण गंगराड़े, जीएस गौर, इकबाल खान, अभिषेक मालाकार, सुनीता रेवारी, रोचक नागौरी सहित सभी वकीलों ने उनका सम्मान किया।