खंडवा। स्कूल शिक्षा मंत्री कुंवर विजय शाह ने कहा है कि हरसूद विधानसभा क्षेत्र के चहुमुखी विकास के लिए वे कृत संकल्पित है। इस क्षेत्र के लोगों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेगी। श्री शाह ने शुक्रवार को लगभग 32 करोड़ रूपये लागत के पॉलीटेक्निक कॉलेज भवन के लोकार्पण कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए हरसूद पॉलीटेक्निक कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए 2 नई ब्रांच आर्किटेक्चर एवं ऑटो मोबाईल इंजीनियरिंग प्रारंभ करने तथा कॉलेज परिसर के लिए खेल मैदान विकसित करने की मांग की, जिसे कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री दीपक जोशी ने मौके पर ही स्वीकृत करने की घोषणा की। श्री जोशी ने अपने संबोधन में खेल मैदान के लिए राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय की राशि से 10 करोड़ रूपये स्वीकृत करने तथा हरसूद के इस महाविद्यालय परिसर में बॉक्सिंग, निशाने बाजी व एथेलेटिक्स के प्रशिक्षण तथा जिमनेशियम की व्यवस्था करने की घोषणा भी कार्यक्रम में की। इस अवसर पर पंधाना विधायक योगिता बोरकर, जिला योजना समिति के सदस्य हरीश कोटवाले, नगर परिषद अध्यक्ष श्रीमती पुष्पा पटेल, जनपद अध्यक्ष श्रीमती तुलसी नागर, तकनीकी शिक्षा विभाग के अपर संचालक टी.के. श्रीवास्तव सहित विभिन्न अधिकारी व जनप्रतिनिधि मौजूद थे।
श्री शाह ने संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में आदिवासी विद्यार्थियों के लिए एकलव्य पॉलीटेक्निक कॉलेज व आईटीआई प्रारंभ करने की अवधारणा उन्होंने कुछ वर्ष पूर्व प्रारंभ की थी। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में एकलव्य इंजीनियरिंग कॉलेज भी स्थापित कराये जायेंगे जिनमें आदिवासी वर्ग के विद्यार्थी इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त कर सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय के आदर्शो पर कार्य कर रही है तथा समाज के सबसे पिछड़े वर्ग को आत्म निर्भर बनाने के लिए कृत संकल्पित है। इसीक्रम में आदिवासी क्षेत्रों में नए-नए मेडिकल कॉलेज एवं इंजीनियरिंग कॉलेज व आईटीआई प्रारंभ किए जा रहे है। डॉ. शाह ने कहा कि प्रदेश सरकार ने हाल ही में मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना प्रारंभ की है, जिसके तहत प्रदेश के मेधावी विद्यार्थियों को देश के जाने माने शिक्षण संस्थानों में अध्ययन के दौरान उनकी फीस प्रदेश सरकार भर रही है।
तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री जोशी ने अपने संबोधन में कहा कि युवाओं को इंजीनियरिंग व कौशल विकास की शिक्षा नौकरी पाने के लिए नहीं बल्कि स्वयं का व्यवसाय स्थापित कर उसमें दूसरे युवाओं को रोजगार देने के लिए प्राप्त करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में इंजीनियरिंग व पॉलीटेक्निक कॉलेज के रिक्त पदों की पूर्ति के लिए भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ होगी। उन्होंने बताया कि इंजीनियरिंग की परीक्षा हिन्दी भाषा में देने की सुविधा उपलब्ध कराने वाला देश का पहला विश्वविद्यालय मध्यप्रदेश का राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ही है। उन्होंने कहा कि जब जर्मन, जापान व चीन के विद्यार्थी अपनी भाषा में इंजीनियरिंग व मेडिकल की पढ़ाई कर सकते है तो हमारे देश के विद्यार्थी हिन्दी में पढ़ाई कर अपनी पहचान स्थापित क्यों नहीं कर सकते है।
इससे पूर्व अपने स्वागत उद्बोधन में महाविद्यालय के प्राचार्य श्री आर.एस. सिसौदिया ने बताया कि पॉलीटेक्निक कॉलेज परिसर में मुख्य भवन के साथ-साथ, दो ई टाईप , चार एफ टाईप, 36 जी टाईप, व 36 आई टाईप शासकीय आवास निर्मित किए जा चुके है। इसके साथ ही बालकों के लिए दो छात्रावास व बालिकाओं के लिए एक छात्रावास का निर्माण हो चुका है एवं महाविद्यालय परिसर में बाउण्ड्रीवाल का कार्य प्रगति पर है। वर्तमान में सिविल, मेकिनिकल, इलेक्ट्रोनिक्स एवं कम्प्यूटर साईंस कुल 4 ब्रांच स्वीकृत है, जिनमें 248 छात्र अध्ययनरत है।