खंडवा। महू से खंडवा और अकोला तक रेलवे द्वारा गेज कन्वर्जन किया जा रहा है। गेज कन्वर्जन के बाद महू से खंडवा की दूरी 15 किमी बढ़ जाएगी। ऐसा इसलिए क्योंकि घाट सेक्शन होने से कर्व बढ़ेगा। वर्तमान में खंडवा से महू की रेल रूट से दूरी 117 किमी है। गेज कन्वर्जन के बाद बढ़कर 132 किमी हो जाएगी। लेकिन यात्रा का समय घट जाएगा। यह दूरी सिर्फ डेढ़ से दो घंटे में पूरी हो सकेगी। फिलहाल छोटी लाइन के इस ट्रैक पर आठ कोच की ट्रेन चल रही है। ब्रॉडगेज के बाद 24 कोच की ट्रेन 100 से 110 की रफ्तार से गुजर सकेगी। यही नहीं चोरल स्टेशन भी खत्म हो जाएगा।
महू से सनावद के बीच गेज कन्वर्जन का काम चल रहा है, लेकिन इसकी रफ्तार धीमी है। इसलिए महू से सनावद के बीच चलने वाली ट्रेनों की संख्या कम कर दी है। रेलवे द्वारा धीमी रफ्तार से किए जा रहे काम के कारण देरी हो रही है। जमीन अधिग्रहण से लेकर वन और पर्यावरण विभाग की अनुमति लेने तक में रेलवे द्वारा लापरवाही बरती जा रही है। जानकारी अनुसार वन विभाग ने रेलवे को दोहरी लाइन डालने के लिए सलाह दी थी। लेकिन रेलवे ने सिंगल लाइन के लिए ही सर्वे कराया है।
कटेंगे हजारों पेड़, करना है छह गुना पौधारोपण
ब्रॉडगेज के तहत महू से बलवाड़ा के बीच पडऩे वाले जंगल से हजारों पेड़ काटे जाएंगे। रेल मंत्रालय ने इसके लिए सर्वे भी कर लिया है। यह जमीन वन विभाग की है। सूत्रों के मुताबिक ट्रैक के लिए करीब 25 हजार पेड़ काटे जाएंगे। इन पेड़ों को काटने के बाद रेलवे को इसके छह गुना तक पौधारोपण करना है। सर्वे के बाद पेड़ों की गिनती कर ली गई है। क्षतिपूर्ति पौधारोपण का काम भी रेलवे द्वारा कर दिया गया है।
पर्याप्त बजट के बावजूद चल रहा धीमा काम
काम में तेजी लाने के लिए जनमंच के चंद्रकुमार सांड और अनुराग बंसल ने रेल मंत्री को पत्र लिखा है। सांसद नंदकुमार सिंह चौहान को भी इससे अवगत कराया है। उन्होंने पत्र में कहा है गेज कन्वर्जन के लिए रेलवे के पास पर्याप्त बजट है बावजूद इसके कार्य धीमी गति से क्यों किया जा रहा है। काम महू, खंडवा और अकोला से एक साथ किया जाना चाहिए। इसे वर्ष 2020 तक पूरा कर लिया जाना चाहिए। इस महत्वपूर्ण ट्रैक से उत्तर और दक्षिण भारत सीधा जुड़ जाएगा।