भाईदूज पर इंसानियत की मिसाल 

खंडवा। विगत चार से अधिक वर्षो से इंसानियत की मिसाल कायम कर रहे खंडवा के समाजसेवी अज्ञात शवों के अंतिम संस्कार के पवित्र कत्र्तव्य निर्वहन में अहंकार से परे रहकर निस्वार्थ सेवा भाव में लगे हैं। पांच दिवसीय दीपोत्सव पर्व के द्वितीय दिवस भी अपने परिजनों से बिछड़े दो व्यक्ति दुर्घटनाग्रस्त होकर काल कवलित हो गए। अलग-अलग घटनाओं में मृत इन दो अज्ञात शवों का अंतिम संस्कार विधि विधान से पूर्व निमाड़ सामाजिक सांस्कृतिक सेवा समिति के सदस्यों ने त्यौहार की प्राथमिकताओं को एक तरफ रखते हुए संपन्न किया। समाजसेवी व समिति सदस्य सुनील जैन ने बताया कि मुंबई से उत्तरप्रदेश बिहार आवागमन में कई बार परिजनों से रेल यात्रा में बिछुड़ कर काल कवलित होने वालों को उनके परिजन तो अंतिम संस्कार हेतु उपलब्ध नहीं हो पाते किंतु इंसानियत के भाईयों के रूप में पूर्व निमाड़ सामाजिक सांस्कृतिक सेवा समिति के सदस्य इन्हें भाईदूज पर भी उपलब्ध थे। जैन ने बताया कि खंडवा जंक्शन पर दुर्घटनाओं के कारणों और निवारणों की ओर सोचना व्यवस्था और प्रशासन के कार्य हैं और विभाग भी अज्ञात शवों के अंतिम संस्कार में अपनी भूमिका निभाता ही है, किंतु पार्थिव शरीर को ससम्मान गति देने का कत्र्तव्य विगत चार से अधिक वर्षो से इंसानियत के भाईयों द्वारा किया जा रहा है। जैन ने बताया कि 28 से 30 वर्षीय दो युवकों की मृत्यु दीपावली पर हो गई। जीआरपी खंडवा और बोरगांव चौकी द्वारा अज्ञात शवों का मर्ग कायम कर 21 अक्टूबर को उनका जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाया गया और शवों को अंतिम संस्कार के लिए पुलिस द्वारा समिति को सौंपा गया। भाईदूज के दिन दोपहर 12 बजे दोनों अज्ञात शवों का अंतिम संस्कार राजा हरिशचंद्र मुक्तिधाम पर समिति के मुबारिक पटेल, आशीष चटकेले, सुनील जैन, भूपेन्द्रसिंह चौहान, मनोज मंडलोई, कैलाश पटेल, प्रदीप लाड़, आरक्षक वीरमसिंह, आरक्षक राजेश त्रिवेदी ने कर दो मिनट का मौन रख श्रद्धांजलि अर्पित की।

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