इंदौर। वॉट्सएप गु्रप पर किसी सदस्य द्वारा भेजे गए किसी भी अश्लील मैसेज या टिप्पणी के लिए एडमिन जिम्मेदार नहीं है। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति वेदप्रकाश शर्मा की सिंगल बेंच ने यह टिप्पणी करते हुए एक आरोपी के अग्रिम जमानत के आदेश दिए हैं। वकील मनीष यादव ने बताया लाइफ इंशुरेंस एजेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष रमेश व्यास ने संगठन के सदस्य प्रफुल्ल शर्मा को नुशासनहीनता के चलते हटा दिया और इसके लिए दिए गए पत्र को संगठन के वॉट्सएप गु्रप पर डाल दिया ।
इसके बाद सदस्यों ने उस पर टिप्पणी की, जिसमें अश्लील टिप्पणी भी शामिल थी। प्रफुल्ल को इसकी जानकारी मिली तो उसने रमेश और सचिव व कोषाध्यक्ष के खिलाफ नागदा थाने में केस दर्ज करवा दिया। निचली अदालत ने इसे गंभीर मानते हुए अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया। इसके बाद रमेश ने हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी।