खंडवा। जिले में रविवार को 433 केंद्रों पर 16 हजार से अधिक नवसाक्षरों ने साक्षर भारत परीक्षा दी। 20 साल के युवाओं से लेकर 71 साल तक के वृद्घों में भी साक्षर होने की ललक नजर आई। साक्षरता अभियान में आदर्श गांव आरूद को संपूर्ण साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा गया था। यहां के सरपंच सहित सभी 380 निरक्षर परीक्षा में शामिल हुए। उन्होंने परीक्षा कॉपी में अपना नाम लिखा और प्रश्न भी हल किए। अगर सभी पास हो जाते हैं तो आरूद जिले का पहला साक्षर गांव बन जाएगा।
जिले के सरकारी मिडिल स्कूल और पंचायत केंद्रों पर रविवार सुबह 10 से शाम 5 बजे तक साक्षर भारत परीक्षा हुई। इसमें नवसाक्षर अपनी सुविधा के अनुसार आकर परीक्षा देने पहुंचे। किसी ने 15 मिनट में पेपर हल कर लिया तो कोई दो घंटे तक भी केंद्र पर रुका। जिले के 433 केंद्रों पर 20 हजार 300 नवसाक्षर दर्ज थे, इसमें से 16 हजार से अधिक परीक्षा में शामिल हुए। सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के आदर्श ग्राम आरूद में सरपंच पन्नालाल मोरे और 71 वर्षीय सुशीलाबाई सहित 380 नवसाक्षरों ने परीक्षा दी। यहां परीक्षा का जायजा लेने के लिए साक्षर भारत अभियान के जिला प्रभारी आरके सेन सहित अन्य पहुंचे। केंद्राध्यक्ष एमएल मोरे सहित प्रेरक मनोज कुमार कुशवाह और जीवनबाई मोरे ने ग्रामीणों को परीक्षा में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। आरूद में दो मानसिक विक्षिप्त लोगों को छोड़कर शत प्रतिशत निरक्षर ग्रामीण परीक्षा में शामिल हो चुके हैं, अगर यहां का परीक्षा परिणाम 100 फीसद रहा तो सांसद का यह आदर्श ग्राम जिले का पहला संपूर्ण साक्षर ग्राम बन जाएगा।
भोपाल से आई टीम ने लिया जायजा
साक्षर भारत अभियान की परीक्षा का जायजा लेने के लिए भोपाल से डॉ. शशि दिवाकर भी खंडवा पहुंची। उन्होंने छैगांवमाखन, बोरगांव और घाटाखेड़ी सहित अन्य केंद्रों का जायजा लिया और परीक्षार्थियों से चर्चा की। बोरगांव केंद्र पर उन्होंने 71 वर्षीय वद्घ महिला से किताब पढ़वाई और एक अंक का जोड़-घटाव हल करवाया। इस दौरान एपीसी सरोजकुमार जोशी, डाइट व्याख्याता रचना वैद्य और बीएसी प्रशांत दीक्षित सहित अन्य उपस्थित रहे।
दो साल में 20 हजार से अधिक हुए साक्षर
जिले की जनसंख्या करीब 13 लाख 50 हजार और साक्षरता का प्रतिशत 67.5 है। इसमें पुरुष 77.9 और महिलाएं 56.5 साक्षर हैं। हर व्यक्ति को साक्षर करने के लिए केंद्र सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा दो वर्ष पूर्व साक्षर भारत अभियान शुरू किया गया था। इस अभियान में अब तक जिले के करीब 20 हजार से अधिक लोगों को साक्षर किया जा चुका है। जिले में 422 ग्राम पंचायतों से साक्षर भारत अभियान संचालित हो रहा है। इसी तरह एक साल पहले करीब 3800 की आबादी वाले इस गांव में 738 लोग निरक्षर थे। इसमें से मार्च 2016 में 623 ने परीक्षा दी है। शेष 115 और गत परीक्षा में अनुत्तीर्ण 265 ग्रामीण रविवार को परीक्षा में शामिल हुए।
साक्षरों को करेंगे शिक्षित
साक्षर भारत अभियान में ग्रामीणों को साक्षर करने का प्रयास तो किया ही जा रहा है। इसके साथ ही गत वर्षों में नव साक्षर बने लोगों को शिक्षित करने के लिए भी प्रयास हो रहे हैं। नवसाक्षरों को तीसरी कक्षा, तीसरी पास को पांचवी और पांचवी पास को आठवीं कक्षा की परीक्षा दिलाई जाने की योजना बनाई गई है। – आरके सेन, प्रभारी साक्षर भारत अभियान