खंडवा सानेगुरुजी की अमर कृति श्याम ची आई पर समीक्षा आलेख प्रस्तुत करते हुए यह बात व्यंगकार कैलाश मंडलेकर ने कही। वे पाठक मंच खंडवा की बैठक में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा भाषा शिल्प के दृष्टिकोण से पुस्तक भले ही कम प्रभावित करे लेकिन भावनात्मक दृष्टिकोण बरसों राज करता […]

साहब रिटायर होता है ! सरकारी बँगला ,उसका हरा भरा लॉन ,ड्राईवरों ,चपरासियो के साथ बिना नागा नमस्ते करने वालो की भीड एकाएक साथ छोड जाती है ! हलाॅ कि उनके जाने का दिन तो पहले से तय था, पर साहब को ये एका एक सा ही लगता है ! […]